झारखंड सरकार से मेरा सवाल: परीक्षा कैलेंडर जारी करने के बावजूद समय पर परीक्षाएं क्यों नहीं होती ?
प्रिय पाठकों,
मेरा नाम संजीत साह है और हाल ही में मैंने छात्रों के विरोध प्रदर्शन के दौरान मीडिया के माध्यम से झारखंड सरकार से एक महत्वपूर्ण सवाल पूछा। यह सवाल हमारे राज्य के लाखों छात्रों की चिंता को दर्शाता है, जो अपनी भविष्य की परीक्षाओं को लेकर परेशान हैं।
झारखंड सरकार बार-बार परीक्षा कैलेंडर जारी करती है, लेकिन समय पर परीक्षाएं नहीं होती हैं। यह समस्या केवल एक बार नहीं, बल्कि कई बार हो चुकी है। इसके कारण छात्रों का मानसिक तनाव बढ़ता जा रहा है और उनके करियर पर भी असर पड़ रहा है।
*प्रमुख मुद्दे:*
1. *अस्पष्टता और अस्थिरता:* सरकार द्वारा जारी किए गए परीक्षा कैलेंडर अक्सर बदल जाते हैं। इससे छात्रों को अपनी तैयारी में दिक्कत होती है और वे अनिश्चितता में रहते हैं।
2. *करियर पर असर:* परीक्षा समय पर न होने के कारण छात्रों को अपने करियर की योजनाओं में देरी का सामना करना पड़ता है। इसके चलते वे अन्य अवसरों से भी वंचित रह सकते हैं।
3. *मानसिक तनाव:* लगातार बदलते कैलेंडर और परीक्षा की अनिश्चितता के कारण छात्रों में मानसिक तनाव बढ़ता है, जो उनकी शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है।
मेरा सवाल सरकार से यही है कि परीक्षा कैलेंडर जारी करने के बावजूद समय पर परीक्षाएं क्यों नहीं होती? क्या प्रशासनिक अव्यवस्थाएं इसका कारण हैं या फिर कुछ और? हमें सरकार से इस मुद्दे पर स्पष्टता और ठोस समाधान की आवश्यकता है।
छात्रों का भविष्य हमारे देश का भविष्य है, और इसे सुरक्षित करना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। उम्मीद है कि सरकार इस मुद्दे को गंभीरता से लेगी और जल्द ही इसका समाधान निकालेगी।
आपका,
संजीत साह
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